Umesh DobhalSep 26, 20221 min readयाद पेड़ों ने पहन ली हैं सफेद टोपियां बर्फ क्या गिरी हिमालय और पास आ गया और तुम्हारी याद भीजिसका बचपन बर्फ के गोले दागने में बीता है वह मैं हूं यहां तुम्हें ढूंढते हुए। – उमेश डोभाल
पेड़ों ने पहन ली हैं सफेद टोपियां बर्फ क्या गिरी हिमालय और पास आ गया और तुम्हारी याद भीजिसका बचपन बर्फ के गोले दागने में बीता है वह मैं हूं यहां तुम्हें ढूंढते हुए। – उमेश डोभाल
घर लौटने का समयपहाड़ियों की चोटियों पर तना वर्षा के बाद का खुला-खुला सा आसमान कहीं तैरते उड़े-उड़े से बादल और पहाड़ी पगडंडी का अकेला सफर लम्बी गर्मियों...
सावधान !जब वे आते हैं और कहते हैं हम खुशियां लायेंगे तुम्हारी थकी हुई और उदास जिन्दगियों में वे झूठ बोलते होते हैं उनकी भाषा की नरमी में एक...
कल रात नींद नहीं आयीकल रात भर नींद नहीं आई कल रात भर करवटें बदलता रहा कल रात कुछ अजीब थी कल रात भर प्यास सताती रही आसपास कोई नहीं था इतनी सी बात थी और कल...
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