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बर्फ और संकेत

  • Writer: Umesh Dobhal
    Umesh Dobhal
  • Sep 25, 2022
  • 1 min read

एक शोर के साथ

बच्चे खेल रहे हैं

बच्चों का शोर ऐसा पाठ नहीं है

कि सूंघा जाय

बावजूद इसके कि

सी0 आई0 डी0 सूंघ रहे हैं


सूंघने को बहुत कुछ है

बेरोजगारों की दिशाहीन हूकें

हूक जो खबरों का संकेत हैं

कर्ज और कर्ज से डूबे हुए गांव की झल्लाहट

गांवों को जोड़ती है


उन्हें सूंघने दो

बर्फ गिरते इस शहर में

नशीली जबान से काम की बात

फुसफुसाहटों को स्वर दो


स्वर जो संकेत हैं

बर्फ गिरते इस शहर में।


– उमेश डोभाल

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