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बर्फ और सपना

  • Writer: Umesh Dobhal
    Umesh Dobhal
  • Sep 27, 2022
  • 1 min read

ठिठरती रात की उनींदी सी आंखों में

एक खूबसूरत सा सपना आया


सुबह पहाड़ियों सीढ़ीनुमा खेतों

गांव और आंगन में

बर्फ ही बर्फ फैल गई


बच्चों को खिलौना मिला

मांओं को झिड़कने का बहाना।


– उमेश डोभाल

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