Umesh DobhalSep 27, 20221 min readबर्फ और सपनाठिठरती रात की उनींदी सी आंखों में एक खूबसूरत सा सपना आयासुबह पहाड़ियों सीढ़ीनुमा खेतों गांव और आंगन में बर्फ ही बर्फ फैल गईबच्चों को खिलौना मिला मांओं को झिड़कने का बहाना। – उमेश डोभाल
ठिठरती रात की उनींदी सी आंखों में एक खूबसूरत सा सपना आयासुबह पहाड़ियों सीढ़ीनुमा खेतों गांव और आंगन में बर्फ ही बर्फ फैल गईबच्चों को खिलौना मिला मांओं को झिड़कने का बहाना। – उमेश डोभाल
घर लौटने का समयपहाड़ियों की चोटियों पर तना वर्षा के बाद का खुला-खुला सा आसमान कहीं तैरते उड़े-उड़े से बादल और पहाड़ी पगडंडी का अकेला सफर लम्बी गर्मियों...
सावधान !जब वे आते हैं और कहते हैं हम खुशियां लायेंगे तुम्हारी थकी हुई और उदास जिन्दगियों में वे झूठ बोलते होते हैं उनकी भाषा की नरमी में एक...
कल रात नींद नहीं आयीकल रात भर नींद नहीं आई कल रात भर करवटें बदलता रहा कल रात कुछ अजीब थी कल रात भर प्यास सताती रही आसपास कोई नहीं था इतनी सी बात थी और कल...
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