एक अच्छी कविता
जिसमें समूची जिन्दगी हो
नदी सी खिलखिलाती
निरन्तर आगे बढ़ती हुई
समुद्र सी पूर्णता हो
कविता संघर्षरत जिन्दगी है
रोटी के लिए रिरियाते
नरकंकाल नहीं है कविता
रोटी छीनने के मंसूबे बनाती है
अकेली लड़ी गई लड़ाई नहीं है कविता
दुश्मन से एकजुट लड़ा गया युद्ध है
लूट-खसोट व बर्बरता के
किसी भी रूप के विरूद्ध उपदेश नहीं
प्रचण्ड युद्ध है कविता
एक अच्छी कविता
मां के स्तनों से लगा बच्चा है
बेटे के भविष्य के लिए संघर्षरत पिता है
इस घूमती हुई पृथ्वी पर
कविता खूबसूरत घर बनाता हाथ है
कविता एक अच्छे संसार के लिए
किया जा रहा
सामूहिक प्रयास है।
– उमेश डोभाल
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