जंगल के गीत
- Umesh Dobhal
- Sep 24, 2022
- 1 min read
Updated: Sep 25, 2022
जंगल धू-धू जल रहे हैं
कौन जला गया है जंगलों को
जंगलों में उपजे गीत और कवितायें
हमारी सबसे खूबसूरत रचनायें हैं
जंगलों को हम बच्चों और बूढ़ों से ज्यादा प्यार करते हैं।
वैसे यह बात हम किसी को बताते नहीं है
हमने कब चाहा
हमारे किसी काम के लिये
कोई हमें इनाम दे
जंगल हमें प्यार करते हैं
उससे भी ज्यादा जितना हम उन्हें कर सकते हैं।
जंगलों को लेकर पीढ़ी-दर-पीढ़ी रचे गये गीत
हमारी जुबान हैं
आग उगलते जंगलों से
चहचहाती चिड़ियायें गायब हो गई है
आग में झुलस कर
वीभत्स हो चुके ये जंगल वही है
जो गुनगुनाते हुए हमें खुशी देते थे।
पेडों का गुनगुनाना और चिड़ियाओं का चहचहाना
एक अच्छी सी याद भर होगी अब
जिंदा रहे तो बच्चों को सुनायेंगे
जंगलों के गीत
जब स्थायी सूनापन मंडरायेगा ठूँठों पर
-उमेश डोभाल
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