Umesh DobhalSep 27, 20221 min readकल रात नींद नहीं आयीकल रात भर नींद नहीं आई कल रात भर करवटें बदलता रहाकल रात कुछ अजीब थी कल रात भर प्यास सताती रहीआसपास कोई नहीं था इतनी सी बात थी और कल रातभर नींद नहीं आई। – उमेश डोभाल
कल रात भर नींद नहीं आई कल रात भर करवटें बदलता रहाकल रात कुछ अजीब थी कल रात भर प्यास सताती रहीआसपास कोई नहीं था इतनी सी बात थी और कल रातभर नींद नहीं आई। – उमेश डोभाल
घर लौटने का समयपहाड़ियों की चोटियों पर तना वर्षा के बाद का खुला-खुला सा आसमान कहीं तैरते उड़े-उड़े से बादल और पहाड़ी पगडंडी का अकेला सफर लम्बी गर्मियों...
सावधान !जब वे आते हैं और कहते हैं हम खुशियां लायेंगे तुम्हारी थकी हुई और उदास जिन्दगियों में वे झूठ बोलते होते हैं उनकी भाषा की नरमी में एक...
गुण्डासड़क पर ऐंठ कर आगे बढ़ता है गुण्डा साथियों के बीच बादशाह है गैरों के बीच डरा हुआ सतर्क आदमी गुण्डा उन सामाजिक मूल्यों की उपज है नकारा...
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