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Writer's pictureUmesh Dobhal

कल रात नींद नहीं आयी

कल रात भर नींद नहीं आई

कल रात भर करवटें बदलता रहा


कल रात कुछ अजीब थी

कल रात भर प्यास सताती रही


आसपास कोई नहीं था

इतनी सी बात थी और

कल रातभर नींद नहीं आई।


– उमेश डोभाल

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