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कौन कहां रह गया

  • Writer: Umesh Dobhal
    Umesh Dobhal
  • Sep 25, 2022
  • 1 min read

शहर में सांझ तक

निरूद्देश्य भटकता रहा

सांस टूटने की चटख

तीर सी बिंध गई


लो आज का दिन भी

दूर से अलविदा कह गया

क्या पता जीवन की दौड़ में

कौन कहां रह गया।


– उमेश डोभाल

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