Umesh DobhalSep 27, 20221 min readसन्नाटे में किसको ढूंढेंनीम की छांव और कौओं की कांव-कांव उदास है दुपहरी उचाट है मनहांफती चिरैया मौन खड़े पेड़ उड़ती हुई धूल में किसे पुकारेंनहीं बरसा आसमां सूख गई माटी खेतों को देखकर कैसे धीर धरेंकौन है अपना कौन पराया सन्नाटे में किसको ढूंढें। – उमेश डोभाल
नीम की छांव और कौओं की कांव-कांव उदास है दुपहरी उचाट है मनहांफती चिरैया मौन खड़े पेड़ उड़ती हुई धूल में किसे पुकारेंनहीं बरसा आसमां सूख गई माटी खेतों को देखकर कैसे धीर धरेंकौन है अपना कौन पराया सन्नाटे में किसको ढूंढें। – उमेश डोभाल
घर लौटने का समयपहाड़ियों की चोटियों पर तना वर्षा के बाद का खुला-खुला सा आसमान कहीं तैरते उड़े-उड़े से बादल और पहाड़ी पगडंडी का अकेला सफर लम्बी गर्मियों...
सावधान !जब वे आते हैं और कहते हैं हम खुशियां लायेंगे तुम्हारी थकी हुई और उदास जिन्दगियों में वे झूठ बोलते होते हैं उनकी भाषा की नरमी में एक...
कल रात नींद नहीं आयीकल रात भर नींद नहीं आई कल रात भर करवटें बदलता रहा कल रात कुछ अजीब थी कल रात भर प्यास सताती रही आसपास कोई नहीं था इतनी सी बात थी और कल...
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