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Writer's pictureUmesh Dobhal

सोचो मेरा क्या होगा

दिन जमाने को दे दिया

रात तो मेरी रहने दो


अश्क थमे हैं आंखों में

रात को इनको बहने दो


तुमने जो मांगा हमने दिया है

बस अंधेरा रहने दो


जब सब तुम ही ले लोगे

सोचो मेरा क्या होगा तब


फिर मैं तो आदी हूं इनका

तुम तो इतने नाजुक हो।

– उमेश डोभाल

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